नया धंधा

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'चलो एक अफसाना बुनते हैं।' हम चार दोस्तों के बीच मंजीतवा (वैसे तो 'सिंह' था) किसी के बोलने का नंबर ही नहीं आने देता था। चार लाइन किसी लेखक की याद ...

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